यूपी के कई जिलों में नदियां उफनाने से हालात बेकाबू होने लगे हैं। बदायूं और कासगंज जिलों गंगा और रामगंगा का पानी कई गांवों में घुस गया है। घरों में पानी भरने से लोग छतों या फिर अन्य स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न होने से तबाह हो गई है। पशुओं के लिए चारे तक की दिक्कत हो रही है। लोग नाव के जरिये आवागमन करके जरूर काम निपटा रहे हैं।
Flood In UP : कासगंज के गंजडुंडवारा इलाके में गंगा के बढ़ते जलस्तर से समस्याएं बढ़ने लगी हैं। नरदोली क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव में पानी आबादी तक पानी पहुंचने से ग्रामीण चिंतित हैं। वहीं गंगा ने कादरगंज घाट पर कच्चे बंधा का कटान शुरू कर दिया, इस पर सिंचाई विभाग ने बोरियां लगाकर काबू पाया। गांव निबिया में कच्चा बंधा कटने से पानी खेतों में घुस गया है। फसलें पानी में डूब गई हैं।
Flood In UP : लगातार हो रही बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। नरदोली क्षेत्र के गांव नगला दुर्जन, नगला जयकिशन, नगला नैनसुख, भदिया नगला, दिपी नगला, खना नगला, चतुरी नगला, जैली नगला, पदम नगला, हंसी सहित मूंजखेडा में आबादी तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
बाढ़ के पानी से लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। उनके जीवन यापन पर भी प्रभाव पड़ा है। लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए पानी के बीच से ही निकलना पड़ रहा है, इससे संक्रामक रोग फैलने की आशंका भी बनी हुई है।
ग्रामीण काफी समय से बंधा बनाने की कर रहे थे मांग
Flood In UP : ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से बंधा बनाने कर चुके हैं लेकिन उनकी मांग पर गौर नहीं किया गया, इसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं कादरगंज गंगा घाट पर मनरेगा के कच्चे बंधा में दरारे पड़ने पर सिंचाई विभाग ने मिट्टी डलवाकर कटान रोकने का प्रयास किया।
वहीं गांव निबिया में चल रहे कटानरोधी कार्य के बावजूद गंगा ने कच्चे बंधा का कटान कर दिया। इससे पानी खेतों की तरफ जा रहा है। कादरगंज गंगा घाट पर श्मशान के पास कच्चे बंधा में दरारें पड़ गई हैं। इसे बचाने के लिए मिट्टी डाल दी गई है। निबिया में मनरेगा के जरिये कटान रोकने के लिए काम कराया जा रहा है।
बदायूं में उफान पर रामगंगा, कई मार्ग जलमग्न
Flood In UP : बदायूं में रामगंगा नदी उफनाने से हजरतपुर- गढ़िया रंगीन मार्ग पूरी तरह जलमग्न होने से आवागमन बंद हो गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत मरीजों को हो रही है। लोग मरीजों को नाव के सहारे घंटों का सफर तय करके डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। गांव में अब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम भी झांकने नहीं पहुंची है। पशुओं को चारे की भारी दिक्कत हो रही है। धान, बाजार, उड़द, तिल आदि की सैकड़ों बीघा फसल पानी में समा चुकी है।
हर्रामपुर, मौजमपुर, गढ़िया पैगंबरपुर, नवादा बदन, शेरपुर, लालपुर खादर, कुण्डरा मझरा, जलेबी नगला, अकट आदि गांव बाढ़ की चपेट में हैं। घरों के अंदर पानी भर गया है। लोग ऊंचे स्थान की तलाश में जुटे हैं। लोग रातों में जागकर किसी तरह समय काट रहे हैं।
लखीमपुर खीरी में शारदा बरपा रही कहर
लखीमपुर खीरी में शारदा नदी कहर बरपा रही है। बाढ़ में करसौर गांव का वजूद मिटाने के कगार पर है, इससे ग्रामीणों की धड़कन बढ़ गई है। सूचना के बाद भी कोई प्रशासनिक अफसर बाढ़ पीड़ितों की सुधि नहीं लेने पहुंचा है। नदी गांव के बाहर बने रपटा पुल का कटान करते हुए गांव के बिल्कुल करीब आ गई।
पिछले दिनों बनबसा बैराज से छोड़े गए करीब साढे़ चार लाख क्यूसेक पानी के बाद शारदा नदी उफान पर है। नदी ने बिजुआ क्षेत्र में कटान काफी तेज कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि कटान शनिवार की सुबह से तेज हुआ है।
बिजुआ की ग्राम पंचायत करसौर में बने रपटा पुल और सड़क को नदी ने अपने आगोश में ले लिया है। बाढ़ का पानी आबादी के बिल्कुल करीब आ गया है। नदी का विकराल रूप देख ग्रामीण अपने घरों का सामान निकालने में जुट गए और ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर ऊंचे स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं।