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Online gamming apps : करोड़पति बनने का लालच… बर्बादी की राह

online gamming apps ruined life

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अगर आप भी सोचते हैं कि Online gamming apps पर टीम बनाकर आप भी रातोंरात करोड़पति बन सकते हैं तो कोई भी फैसला करने से पहले गहराई से सोच लें। कहीं ऐसा न हो करोड़पति बनने के लालच में आप बर्बादी की दहलीज पर पहुंच जाएं क्योंकि करोड़पति बनने के लालच में इन एप्स पर गेम खेलकर लाखों लोग बर्बाद हो चुके हैं और गहरे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

Online gamming apps पर दांव लगाकर 96 लाख का बना कर्जदार

सोशल मीडिया पर न्यूज 18 इंडिया के एक डिबेट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भैयाजी कहिन शौ होस्ट करने वाले एंकर प्रतीक त्रिवेदी एक युवक के पास माइक लेकर पहुंचते हैं तो वह बताता है कि किस तरह वह Online gamming apps पर करोड़पति बनने के लालच में 96 लाख रुपये का कर्जदार बन बैठा है।

युवक बताता है कि Online gamming apps पर वह अपनी कॉलेज की फीस से लेकर लोगों से उधार लेकर लाखों रुपये दांव पर लगाकर गवां चुका है। उसकी मां और भाई ने उससे बात करनी बंद कर दी है। वह इस कदर परेशान है कि उसके मन में आत्महत्या करने तक के ख्याल आते हैं।

ऑनलाइन गेमिंग एप्स का विज्ञापन करते क्रिकेटर। सौजन्य-सोशल मीडिया

Online gamming apps के लुभावने विज्ञापन बने रहे शिकार

टीवी समेत सोशल मीडिया मंचों पर तेजी से दिखाए जा रहे Online gamming apps के लुभावने विज्ञापन लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। लाखों लोग रातोंरात करोड़पति बनने के लालच में बर्बाद हो रहे हैं। बड़े-बड़े क्रिक्रेटर इनके विज्ञापन करके करोड़ों रुपये कमा रहे हैं लेकिन उनके द्वारा दिखाए गए करोड़पति बनने का सपने के चक्कर में लोग अपना सबकुछ गवां रहे हैं।

Online gamming apps के विज्ञापन के पीछे अलग ही दुनिया

विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि किस तरह एक साधारण व्यक्ति इन एप्स पर टीम बनाकर करोड़पति बन गया, लेकिन इस सच्चाई के पीछे एक दूसरी दुनिया छिपी हुई है, जो लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद कर रही है।

दरअसल ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी एप्स का प्रमुख उद्देश्य होता है लोगों को लालच देकर फंसाना। विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि कैसे आप घर बैठे गेम्स खेलकर आसानी से करोड़ों रुपये कमा सकते हैं लेकिन अधिकतर मामलों में इसका नतीजा उल्टा होता है। जो लोग इनके जरिये पैसे कमाने की कोशिश करते हैं, वे अक्सर अपने पैसे खो देते हैं और कर्ज के जाल में फंस जाते हैं।

कैसे Online gamming apps से बर्बाद हुए लोग

हरियाणा के सुनील कुमार (काल्पनिक नाम) ने Online gamming apps पर पैसे लगाने की शुरुआत 500 रुपये से की। धीरे-धीरे उनकी आदत बन गई और वह रोजाना अपनी मेहनत से कमाए पैसों का बड़ा हिस्सा दांव पर लगाकर हारते गए। करीब 6 महीनों के अंदर ही सुनील ने करीब 1.5 लाख रुपये गंवा दिए। इस आर्थिक तंगी ने उन्हें मानसिक तनाव और अवसाद में डाल दिया।

उत्तर प्रदेश की रहने वाली अर्पिता सिंह (काल्पनिक नाम) एक कॉलेज स्टूडेंट हैं। उन्होंने Online gamming apps पर पहले शौक में गेम खेलना शुरू किया। धीरे-धीरे उन्हें इसकी आदत लग गई फिर वह रियल मनी गेम्स खेलने लगी और बड़ी रकम हार गई। नतीजतन उन्होंने अपने कॉलेज की फीस भी इन गेम्स में दांव पर लगाकर गवां दी। इस वजह से उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।

अब तक कितने लोग हो चुके हैं बर्बाद?

देशभर में हजारों लोग इन ऐप्स के कारण आर्थिक और मानसिक बर्बादी का सामना कर चुके हैं। हाल ही में एक अध्ययन के अनुसार 2023 में ऑनलाइन गेमिंग की लत से जुड़े मामलों में 35% की वृद्धि हुई है। कुछ राज्य सरकारों के आंकड़ों के अनुसार लाखों रुपये गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, खासकर युवा और मध्यम वर्गीय लोग इस जाल में फंस रहे हैं।

Online gamming apps पर क्यों नहीं लग रही पाबंदी

सट्टेबाजी और Online gamming apps पर पाबंदी न लगाए जाने के लिए सबसे बड़ी वजह इससे सरकार मिलने वाला राजस्व है। ऐप्स के माध्यम से किए गए लेनदेन पर सरकार जीएसटी वसूलती है। इसके अलावा इन एप्स को चलाने वाली बड़ी कंपनियां सरकार को भारी टैक्स देती हैं। यही कारण है कि सरकार इन एप्स को पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा।

Online gamming apps पर दांव लगाने के नुकसान

1- आर्थिक बर्बादी: इन ऐप्स के जरिये पैसे कमाने का सपना देखने वाले लोग अक्सर अपने सारे पैसे गवां बैठते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है। कई मामलों में लोग कर्ज में डूब जाते हैं, और यहां तक कि अपने घर-परिवार की संपत्ति तक गवां बैठते हैं।

2- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: ऑनलाइन गेमिंग की लत से मानसिक तनाव, अवसाद और आत्महत्या तक की घटनाएं सामने आई हैं। लोग जब अपने पैसे हारते हैं तो उनमें हताशा और तनाव बढ़ता है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। कई युवा अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं या करियर बनाने की बजाय ऑनलाइन गेमिंग की लत में फंस जाते हैं।

तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कुछ समय के लिए लगी थी पाबंदी

ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप्स पर पूरी तरह से पाबंदी न लगाने के पीछे कई कारण हैं। एक प्रमुख कारण यह है कि यह इंडस्ट्री सरकार को भारी मात्रा में टैक्स और राजस्व देती है। इसके अलावा, यह एक तेजी से बढ़ती हुई इंडस्ट्री है, जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है।
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सरकार ने कुछ समय के लिए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की लेकिन कानूनी और तकनीकी कारणों से यह प्रतिबंध स्थायी नहीं हो सका।

दरअसल कई मामलों में कोर्ट ने यह माना कि ऑनलाइन गेमिंग स्किल बेस्ड है और इसे जुआ नहीं माना जा सकता। यही कारण है कि कानूनी स्तर पर इन एप्स पर प्रतिबंध लगाना मुश्किल हो जाता है। वहीं भारत में गेमिंग और सट्टेबाजी से जुड़े कानून विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं। एक राज्य में प्रतिबंध होने के बावजूद दूसरे राज्य में यह एप्स चल सकते हैं।

केंद्र सरकार को करनी होगी सख्त पहल

सट्टेबाजी और Online gamming apps के मकड़जाल से लोगों को बचाने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे। सबसे पहले इनके विज्ञापनों पर सख्त नियंत्रण लगाने की जरूरत है ताकि लोगों को भ्रामक विज्ञापनों के जरिए फंसाया न जा सके। इसके अलावा उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए कुछ कड़े नियम और दिशा-निर्देश बनाने की भी जरूरत है, जिससे कि लोग आर्थिक रूप से बर्बाद न हों।

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